हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के अरक शहर में मदरसा इल्मिया फातिमा अल-ज़हरा में शाबान महीने के महत्व को लेकर एक बैठक आयोजित की गई।
मदरसा इल्मिया फातिमा अल-ज़हरा की वाइस प्रिंसिपल ने कहा: शाबान का महीना आइम्मा अतहार (अ) और उनके बच्चों के जन्मदिन से सजा हुआ है, जिससे इसकी महिमा में चार चांद लग जाते हैं और इस महीने की बरकतें है।
कार्यक्रम में मदरसा की उपप्राचार्या सुश्री मेहबूबा दाउदाबादी ने इमाम अली अलैहिस्सलाम की एक हदीस बयान करते हुए कहाः शाबान के महीने को शाबान इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस महीने से रहमतों का नुज़ूल हुआ हैं जो लोगों पर छाया है और लोगों की नियति लिखी गई है।
उन्होंने आगे कहा: इस महीने में इस्तिग़फ़ार का आदेश दिया गया है, क्योंकि इस महीने में किया गया इस्तिग़फ़ार सिरात के पुल को पार करने में सहायक है।
सुश्री दाउदाबादी ने कहा: शाबान के महीने को शाबान-अल मोअज़्ज़म के नाम से भी जाना जाता है, वह महीना जो लोगों को पवित्रता की ओर ले जाता है और इस प्रकार रमज़ान के महीने का आशीर्वाद देता है।
उन्होंने आगे कहा: शाबान का महीना आइम्मा अत्हार (अ) और उनके बच्चों के जन्मदिन से सजा हुआ है, जिसके कारण इस महीने की महानता और आशीर्वाद में चार चांद लग गए हैं।